माचिस कैसे बनती है? जानिए इसकी निर्माण प्रक्रिया, जिसमें लकड़ी, केमिकल्स और आधुनिक तकनीकों का उपयोग होता है।

माचिस का आविष्कार 19वीं सदी में हुआ था। आज यह हर घर की जरूरत है, आग जलाने के सबसे सरल तरीकों में से एक है।

माचिस बनाने के लिए पहले लकड़ी की पतली तीलियां तैयार की जाती हैं, जिन्हें विशेष मशीनों से काटा और आकार दिया जाता है।

लकड़ी की तीलियों को सुखाया जाता है ताकि इनमें नमी न रहे। इसके बाद इन्हें केमिकल्स में डुबोकर एक सुरक्षात्मक कोटिंग दी जाती है।

माचिस की तीलियों पर फॉस्फोरस और पोटैशियम क्लोरेट जैसे केमिकल्स की कोटिंग होती है, जो जलने पर तेजी से आग पकड़ते हैं।

माचिस के डिब्बे के साइड स्ट्राइप पर लाल फॉस्फोरस, ग्लास पाउडर और बाइंडर्स होते हैं, जो तीली के रगड़ने पर घर्षण उत्पन्न करते हैं।

माचिस बनाने में सुरक्षा बेहद जरूरी होती है, क्योंकि ज्वलनशील केमिकल्स के कारण आग लगने या विस्फोट का खतरा रहता है।

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