भारत के महान क्रिकेटर विराट कोहली ने घरेलू क्रिकेट में 12 साल बाद वापसी की है। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में रेलवे टीम के खिलाफ खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी मैच में कोहली का पदार्पण हुआ है। इस ऐतिहासिक अवसर पर, कोहली को देखने के लिए हजारों की संख्या में फैंस स्टेडियम में पहुंचे। यह मैच न केवल कोहली के प्रशंसकों के लिए खास है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए भी महत्वपूर्ण पल है, क्योंकि कोहली लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट में संघर्ष कर रहे हैं और अब उनका ध्यान घरेलू क्रिकेट की ओर है
विराट कोहली की घरेलू क्रिकेट में वापसी
कोहली का यह कदम भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद आया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में समाप्त हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत को 3-1 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने सभी अनुबंधित खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने का निर्देश दिया था। इस निर्देश का पालन करते हुए विराट कोहली ने रणजी ट्रॉफी में खेलने का फैसला लिया है। इससे पहले, कोहली ने 12 साल पहले 2012 में घरेलू क्रिकेट खेला था, और इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ही अपनी उपस्थिति बनाए रखी।
कोहली का लाल गेंद क्रिकेट में संघर्ष
विराट कोहली के लिए टेस्ट क्रिकेट में हाल के सालों में कुछ खास नहीं रहा है। पहले जहां वह टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते थे, उनकी औसत 2019 तक 54.97 थी, वहीं 2020 के बाद उनकी फॉर्म में गिरावट देखने को मिली है। 2020 के बाद से उनकी औसत 30.72 रही है, जो कि एक शीर्ष बल्लेबाज के लिए निराशाजनक है। हाल के 10 टेस्ट मैचों में तो उनकी औसत महज 22.47 रही है, जो उनके लिए चिंता का विषय बन चुकी है।
2024 की शुरुआत से उनके प्रदर्शन में और गिरावट आई है, और उनका औसत 23.2 रहा है, जो उन खिलाड़ियों में से एक है, जिनके पास कम से कम 10 पारियां हैं। कोहली के इस संघर्ष को देखते हुए, उनकी घरेलू क्रिकेट में वापसी को लेकर लोगों में कई उम्मीदें हैं कि यह कदम उनके फॉर्म को वापस पाने में मददगार साबित होगा।
घरेलू क्रिकेट में कोहली की वापसी से जुड़ी हलचल
कोहली के रणजी ट्रॉफी में लौटने से पूरे क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है। मैच से पहले ही, दिल्ली टीम के ट्रेनिंग सत्र में कोहली की उपस्थिति ने फैंस का ध्यान खींच लिया। उनके साथ अभ्यास करने के लिए दिल्ली के खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बनता था। स्टेडियम के बाहर लंबी कतारें लगीं, और फैंस का कहना था कि उन्होंने कभी भी घरेलू क्रिकेट के लिए इतनी बड़ी भीड़ नहीं देखी। यह कोहली की लोकप्रियता और उनके क्रिकेट में योगदान का प्रमाण है।
दिल्ली के कोच और कप्तान आयुष बदोनी ने कोहली की उपस्थिति को टीम के लिए एक प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि कोहली के साथ ट्रेनिंग करने से सभी खिलाड़ी उत्साहित हैं और उनकी वापसी से टीम का मनोबल और भी ऊंचा हुआ है। रेलवे टीम के कप्तान प्रतम सिंह ने भी कोहली के बारे में अपनी बात रखी और कहा कि कोहली का मैदान में होना उनकी टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वह और उनकी टीम इस मैच में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अधिक उत्साहित हैं।
रणजी ट्रॉफी में कोहली का करियर

विराट कोहली ने 2006 में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया था। उस समय उनकी उम्र केवल 18 साल थी, और उन्होंने पहले मैच में सिर्फ 10 रन बनाये थे। हालांकि, इसके बाद उनका करियर शानदार रहा। अगले कुछ सालों में उन्होंने दिल्ली की ओर से खेलते हुए पांच शतक और इतने ही अर्धशतक लगाए। 2012 में उन्होंने आखिरी बार रणजी ट्रॉफी में खेला, और इसके बाद उनका ध्यान पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर केंद्रित हो गया।
कोहली की वापसी से जुड़ी उम्मीदें
कोहली की घरेलू क्रिकेट में वापसी से न सिर्फ उनके फैंस, बल्कि विशेषज्ञों को भी उम्मीद है कि यह कदम उन्हें टेस्ट क्रिकेट में फॉर्म में लौटने में मदद करेगा। घरेलू क्रिकेट में खेलकर वह अपने आत्मविश्वास को फिर से हासिल करने में सफल हो सकते हैं। साथ ही, यह कदम उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे वह अपने खेल में सुधार लाने के साथ ही आगामी महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज के लिए तैयार हो सकते हैं।
विराट कोहली की घरेलू क्रिकेट में वापसी भारतीय क्रिकेट के लिए एक अहम कदम है। उनके इस कदम से न केवल उन्हें अपनी फॉर्म में वापसी करने का मौका मिलेगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। इस बात का इंतजार किया जा रहा है कि क्या कोहली इस घरेलू क्रिकेट के मंच से अपनी खोई हुई लय वापस पा सकते हैं। कोहली के फैंस को उम्मीद है कि वह जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पुरानी फॉर्म में लौटेंगे और भारत को कई और उपलब्धियों की ओर ले जाएंगे।