महा कुम्भ मेला 2025 में मौनी अमावस्या पर भगदड़, कई लोगों के हताहत होने की आशंका

महा कुम्भ मेला 2025 में मौनी अमावस्या पर भगदड़ प्रयागराज में चल रहे महा कुम्भ मेला के दौरान बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम घाट पर भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस घटना में कई लोगों के घायल होने और कुछ के मरने की आशंका जताई जा रही है। लाखों श्रद्धालु मेला क्षेत्र में स्नान करने के लिए पहुंचे थे, और भारी भीड़ के कारण यह घटना हुई।

मेला क्षेत्र में भारी भीड़

महा कुम्भ मेला 2025 में मौनी अमावस्या पर भगदड़: मौनी अमावस्या को महा कुम्भ मेला में “अमृत स्नान” (पवित्र स्नान) सबसे महत्वपूर्ण और शुभ अवसर माना जाता है। इस दिन को लेकर विशेष धार्मिक महत्व है, और अनुमानित रूप से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के एकत्र होने की संभावना है। इस दिन को लेकर एक दुर्लभ खगोलीय संयोग, ‘त्रिवेणी योग’, भी बन रहा है, जो 144 वर्षों के बाद आ रहा है, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है।

भगदड़ की स्थिति

महा कुम्भ मेला 2025 में मौनी अमावस्या पर भगदड़: प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, एक बैरियर टूटने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। पीड़ितों को मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल में भेजा गया है। कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं।

मेला अधिकारियों का कहना है कि इस घटना के बाद से स्थिति पर काबू पाया जा रहा है और घायलों का इलाज चल रहा है। अधिकारी के मुताबिक, “कुछ लोग घायल हुए हैं और अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं, हम अभी तक घायलों की सही संख्या नहीं बता सकते हैं।”

मेला प्रशासन की ओर से सावधानियां

मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वे निर्धारित मार्गों का पालन करें और स्नान के बाद घाटों पर घूमने से बचें। प्रशासन ने लोगों से यह भी अनुरोध किया था कि वे बैरिकेड्स और पोंटून पुलों पर बिना धक्का-मुक्की के चलें ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

मेला क्षेत्र में भीड़ की स्थिति को देखते हुए कुछ पोंटून पुलों को बंद कर दिया गया था, जिससे और भीड़ एकत्र हो गई। एक सफाई कर्मचारी ने बताया, “कुछ पुलों को बंद किया गया था, जिससे भीड़ असंतुलित हो गई और यह स्थिति उत्पन्न हुई। सभी पुलों का संचालन किया जाना चाहिए था।”

प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप

महा कुम्भ मेला 2025 में मौनी अमावस्या पर भगदड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और स्थिति की जानकारी ली। पीएम मोदी ने इस हादसे पर तत्काल मदद पहुंचाने की अपील की। प्रशासन अब स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रयासरत है।

अखाड़ों का स्नान रद्द

महा कुम्भ मेला 2025 में मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद अखाड़ों ने अपना पारंपरिक ‘अमृत स्नान’ रद्द कर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “हमारे साधु-संत स्नान करने के लिए तैयार थे, लेकिन इस हादसे के बाद हमने यह निर्णय लिया कि हम अपना स्नान रद्द कर रहे हैं।”

महा कुम्भ मेला 2025 में मौनी अमावस्या पर भगदड़ से जुड़ी महत्वपूर्ण FAQs

महाकुंभ मेला 2025 में भगदड़ की घटना कहां हुई?

मौनी अमावस्या स्नान के दौरान यह भगदड़ प्रयागराज (अलहाबाद) में संगम तट के पास हुई, जहां लाखों श्रद्धालु एकत्र हुए थे।

इस हादसे में कितने लोग हताहत हुए हैं?

आधिकारिक आंकड़ों का इंतजार है, लेकिन शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, कई लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है।

भगदड़ की मुख्य वजह क्या थी?

अत्यधिक भीड़, अव्यवस्थित भीड़ नियंत्रण और अचानक हुए अफरातफरी के कारण भगदड़ मच गई।

क्या प्रशासन ने इस पर कोई बयान जारी किया है?

हां, प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता देने की बात कही है।

महाकुंभ मेले में भीड़ नियंत्रण के लिए क्या उपाय किए जाते हैं?

कुंभ मेले में प्रशासन द्वारा CCTV निगरानी, पुलिस बल की तैनाती, बैरिकेडिंग और आपातकालीन मेडिकल सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ में कभी-कभी नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है।

क्या सरकार पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देगी?

सरकार की ओर से राहत पैकेज की घोषणा की जा सकती है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

महाकुंभ 2025 के दौरान भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?

इस घटना के बाद प्रशासन भीड़ प्रबंधन को और मजबूत करेगा, सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा सकता है और एंट्री-एग्जिट प्वाइंट को और व्यवस्थित कर सकता है।

निष्कर्ष

महा कुम्भ मेला 2025 में मौनी अमावस्या पर भगदड़: महा कुम्भ मेला एक विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जहां लाखों लोग पवित्र स्नान के लिए आते हैं। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने से सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर और अधिक सावधानी की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित उपाय सुनिश्चित करे, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा बनी रहे, और अगर आप इस मेले का हिस्सा बनना चाहते हैं या बने हुए हैं तो कृपया सचेत रहें और सावधानी बरतें ।

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