Goraakhpur के टॉप 10 ऐसे शानदार जगहों की सूचि जिन्हे एक्स्प्लोर कर के आपको काफी ख़ुशी होगी, साथ ही बात करेंगे इसके खास चीजों के बारे में,
गोरखपुर का नाम ही प्रसिद्ध तपस्वी गोरक्षनाथ के नाम पर पड़ा है. गोरक्षनाथ जी, नाथ संप्रदाय के एक प्रमुख संत थे.जिन्होंने पूरे भारत का भ्रमण किया और अनेकों ग्रन्थों की रचना की।
गोरखपुर में बिराजमान इस ऐतिहासिक मंदीर में भगवान विष्णुं की आठवीं सदी की प्रतिमा लगी हुई है यहाँ पे श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा लगी रहती है.
वर्ष 1936 में यहां एक वर्ष तक अखंड कीर्तन हुआ था, जिसमें देश भर से संत महात्मा आए थे। तब से इस स्थान की शोभा अद्वितीय और दिव्य हो गई है।
4 फ़रवरी 1922 को भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी जिससे उसमें छुपे हुए 22 पुलिस कर्मचारी जिन्दा जल के मर गए थे।
आपको ये जानकर थोडा आश्चर्य हो सकता है की गोरखपुर में ऐसा भी मन्दीर मौजूद है जहाँ पे लोगो का इलाज भी होता है और वो भी प्राकृतिक चीजों से जैसे कि धुप, मिटटी, हवा, पानी से.
इसमें आदम कद के सोने और चांदी की ताजिया मौजूद हैं जो देश के किसी अन्य इमामबाड़े में नही है. साल में मोहर्रम के दौरान सिर्फ 10 दिनों के लिए इसकी जियारत कराई जाती है
गोरखपुर में स्थित रामगढ़ ताल लगभग 1800 एकड़ में फैला हुआ है और नवका विहार के नाम से मशहूर है. बताया जाता है कि यह प्राचीन समय छठी शताब्दी में नागवंशी कोलिय गणराज्य की राजधानी थी
इसे लोग तारामंडल के नाम से भी जानते हैं। इसकी खास बात ये है की यहां एक साथ तीन सौ लोग बैठकर नक्षत्रों की दुनिया देख सकते हैं।
गीताप्रेस की स्थापना सन् 1923 ई० में हुई थी। भारत सरकार ने शांति में योगदान हेतु गीताप्रेस को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा की ।
यहाँ तीर्थंकर महावीर, भगवान बुद्ध, गुरु गोरखनाथ और कबीर के उपदेशों में उपरोक्त दर्शन की विरासत समाहित है,